परबतसर में न्यायाधीश ने किया अस्पताल का निरीक्षण

परबतसर-


जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला न्यायाधीश ने अस्पताल का किया आकस्मिक निरीक्षण परबतसर।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेड़ता सिटी के सचिव अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश रामदेव सिंह सांधु ने शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परबतसर का आकस्मिक निरीक्षण किया।
 उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार लेबर रूम की व्यवस्थाओं को देखकर के प्राथमिकता से जांच की गई महिला वार्ड का निरीक्षण किया।
 प्रसूति गृह, लेबर रूम रेडिएंट- वार्मर का निरीक्षण किया गया। शनिवार को एक महिला के डिलीवरी हुई थी। निरीक्षण में दो रेडिएंट वार्मर चालू थे जबकि एक बंद मिला। कलेवा योजना के बारे में एनजीओ से जानकारी चाहिए परंतु एनजीओ सदस्य बाहर गई हुई होने के कारण जानकारी नहीं मिल पाई। उन्होंने बताया कि कुछ कमियों को छोड़कर अस्पताल की व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई। अपर जिला न्यायाधीश ने महिला डिलीवरी के आंकड़ों के बारे में जानकारी ली तो पाया कि 2019 में 145 2018 में 296, 2017 में 265 वे 2016 में 220 महिलाओं के अस्पताल में डिलीवरी हुई है। उन्होंने बताया कि सीएचसी स्तर को देखते हुए यह डिलीवरी के आंकड़े बहुत कम है। उन्होंने बताया कि जिले की कई पीएचसी में डिलीवरी के ढाई सौ से ऊपर के आंकड़े हैं। एडीजे ने बताया कि गवारड़ी ग्राम में 2019 में 3 40 डिलीवरी हुई है जबकि वहां पर मात्र पीएचसी है। इस अवसर पर डॉक्टर किशन कटारिया, आशीष शर्मा, कंपाउंडर रामेश्वर लाल दांक ने एडीजे को अस्पताल के बारे में जानकारी दी। एडीजे ने सीसीटीवी कैमरा की जानकारी ली तो मॉनिटर चालू करने पर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज चालू नहीं हुवे थे। स्टाफ नर्स सरोज कंवर के 2 दिन से रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं थे। इस अवसर पर विधिक सेवा समिति के रामकरण चोयल, छोटूराम गुर्जर, रामनिवास भी मौजूद थे।
इस अवसर पर एडीजे रामदेव सिंह ने पाया कि पट्टियां क्षति ग्रस्त होने से 2 वार्ड बंद है, अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों की पोस्ट नहीं है। ब्लड बैंक हड्डी रोग विशेषज्ञ  के पद स्वीकृत नहीं है इन कमियों को दूर करने के लिए उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को लिखा जाएगा